बाबा रामदेव बायोग्राफी

                        बाबा रामदेव 


पूरा नाम                    बाबा रामदेव

जन्म                        २५ दिसंबर १९६५

धर्म                           हिन्दू

राष्ट्रीयता                     भारतीयता

पेशा                          योग, प्राणायाम


केरल कोर्ट इश्यू बेलेबल वारंट अगेंस्ट पतंजलि आयुर्वेद बाबा रामदेव:

                    केरल के कोर्ट ने रामदेव बाबा के ऊपर वारंट ईसाई किया है। और उनके मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण और दिव्य फार्मेसी के ऊपर। सुनने ये आया है कि उनके ऊपर इंग्रजी और मलयालम समाचारपत्र में  मिस्लीडिंग एडवरटाइजमेंट किए है। उनके ऊपर बेलेबल वारंट १६ जनवरी को इश्यू किया गया ज्यूडिशियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट कोर्ट ।। पल्लकड़। अगली तारीख १ फरवरी को दिया गया है।

 


                           लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार बाबा रामदेव के खिलाफ वारंट बीते 16 जनवरी को जारी हुआ है। यह पलक्कड़ के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट II (Judicial First Class Magistrate Court II, Palakkad) ने जारी किया है। इस मामले में अगली तारीख 1 फरवरी, 2025 लगाई गई है। उल्लेखनीय है कि दिव्य फार्मेसी पतंजलि आयुर्वेद की एक एफिलिएट कंपनी है।

                         इस मामले की शिकायत औषधि और जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की धारा 3, 3 (बी) और 3 (डी) के तहत ड्रग इंस्पेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी। धारा 3 कुछ बीमारियों और विकारों के उपचार के लिए कुछ दवाओं के विज्ञापन पर रोक लगाती है। धारा 3 (डी) उन दवाओं के विज्ञापनों पर रोक लगाती है जो अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों में दिए गए किसी भी रोग, विकार या बीमारी की स्थिति के निदान, इलाज, शमन, उपचार या रोकथाम का दावा करते हैं।

                          सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चेतावनी दी थी कि वह कानून के विपरीत भ्रामक विज्ञापनों और चिकित्सा दावों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर अवमानना कार्यवाही शुरू करेगा। इसके बाद वारंट जारी किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय आधुनिक या 'एलोपैथिक' चिकित्सा को लक्षित करने वाले भ्रामक दावों और विज्ञापनों के बारे में भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। एलोपैथी जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि आयुर्वेद उत्पाद सुप्रीम कोर्ट की जांच के दायरे में थे। बाद में कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को ऐसे भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए अवमानना नोटिस जारी किया, जो एलोपैथी का अपमान करते हैं और कुछ बीमारियों के इलाज के बारे में झूठे दावे करते हैं।

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